जानें क्यों हमे शरीर की जैविक घड़ी यानी बॉडी क्लॉक के अनुसार काम करना चाहिए?

जानें क्यों हमे शरीर की जैविक घड़ी यानी बॉडी क्लॉक के अनुसार काम करना चाहिए?

सेहतराग टीम

हमारा शरीर जो कि एक खास तरीके से काम करता है। शरीर की कई सारी जरूरतें होती हैं। शरीर अपने आप को हर तरह की स्थिति में खुद को ढाल लेता है। मतलब सुबह से शाम तक हम जिस तरह से काम करते हैं शरीर भी उसी तरह काम करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं शरीर का भी अपना एक शेड्यूल होता है। दरअसल हमारे शरीर में एक जैविक घडी होती है जो शरीर की सभी जरूररतों के बारे में बताती है। यह घडी एक रिमाइंडर की तरह काम करती है। कभी-कभी आपने महसूस किया होगा कि शरीर के रोजाना के शेड्यूल से अलग अगर आप कोई काम करते हैं, तो आपको कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। दरअसल यह इसी जैविक घडी के कारण होता है क्योंकि यह हमारे शरीर की सभी एक्टिविटी को कंट्रोल करती है। जिसे सर्केडियन रिद्म कहते हैं। और अंग्रेजी में Body Clock या Circadian Rythm कहते हैं।

जैविक घडी यानी बॉडी क्लॉक का काम-

यह जैविक घडी जो शरीर की सभी जरूररतों के बारे में बताती है। यह घडी एक रिमाइंडर की तरह काम करती है। मतलब कि  हमें कब खाना खाना है, कब सोना है, कब आराम की जरूरत है। इसके अलावा ये बॉडी क्लॉक हार्ट के फंक्शन, स्ट्रेस, इम्यूनिटी आदि को भी प्रभावित करती है। इसके अलावा ये बॉडी क्लॉक आपके शरीर में हार्मोन्स के स्राव में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आमतौर पर सामान्य दिन और रात का पैटर्न फॉलो करने वाले लोगों के लिए बॉडी क्लॉक रात के समय मेटाबॉलिज्म स्लो करने वाले हार्मोन्स को बढ़ा देती है, जिससे अंगों को आराम मिल सके।

बॉडी क्लॉक के अनुसार काम न करने पर क्या होता है-

जैसे अगर आप रोजाना रात में 10 बजे सोते हैं और सुबह 6 बजे उठते हैं। मगर एक रात आप पूरे समय जागते हैं और भोर में 5 बजे से दोपहर के 1 बजे तक सोते हैं। दोनों ही स्थितियों में आपने 8 घंटे की ही नींद ली है, मगर सुबह ली गई नींद के बाद जब आप उठते हैं, तो भी आपका दिमाग उतनी शांत तरीके से काम नहीं कर पाता है, जितनी शांति से सामान्य दिनों में कर सकता था। इसका कारण है कि आपके शरीर में हार्मोन्स आपके बॉडी क्लॉक के हिसाब से रिलीज हुए, मगर आपने अपनी जीवनशैली बदल दी, जिसका खामियाजा आपको दिनभर उबासी, आलस और थकान से चुकाना पड़ेगा।

क्या बॉडी क्लॉक से अलग काम करना खतरनाक हो सकता है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आप अचानक अपनी जीवनशैली बदल लेते हैं, तो आपकी बॉडी क्लॉक, जो आपके पहले की आदतों के अनुसार खुद को सेट कर चुकी है, आपके शरीर में कई तरह की गड़बड़ियां पैदा करने लगती है। हार्ट के मरीजों के लिए अचानक जीवनशैली में परिवर्तन हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देता है। इसके अलावा बॉडी क्लॉक के अनुसार काम न करने के कारण ब्लड प्रेशर और मोटापे की समस्या भी हो सकती है। लाइफस्टाइल से जुड़ी ज्यादातर बीमारियों का कारण यही बॉडी क्लॉक के फंक्शन में गड़बड़ी है।

 

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